19 फरवरी 2014
नई दिल्ली|
उभरते फिल्म निर्देशक नीरज घयवान कहते हैं कि भारत में पटकथा लेखकों को उतना महत्व और सम्मान नहीं दिया जाता, जिसके वे हकदार हैं। अपनी पटकथा 'फ्लाई अवे सोलो' के लिए पुरस्कृत किए जा चुके नीरज जल्द ही फिल्म निर्देशकों में गिने जाएंगे।
नीजर ने आईएएनएस को बताया, "मैंने हमेशा से पटकथा लेखन को ही ज्यादा महत्व दिया। लेकिन भारत में हम पटकथा लेखकों की कद्र नहीं करते हैं। यहां तक कि अवार्ड समारोहों में भी पटकथा लेखन की श्रेणी लोकप्रिय और प्रमुख अवार्ड श्रेणियों में शामिल नहीं है। इसे तो सबसे बड़ा और प्रमुख अवार्ड होना चाहिए।"
नीरज को हाल ही में उनकी पटकथा 'फ्लाई अवे सोलो' के लिए सनडांस इंस्टीट्यूट/महिंद्रा ग्लोबल फिल्ममेकिंग अवार्ड 2014 से सम्मानित किया गया। 'फैंटम फिल्म्स' के मालिक और फिल्मकार अनुराग कश्यप ने 'फ्लाई अवे सोलो' के निर्माण का जिम्मा लिया है, जिसका निर्देशन नीरज खुद करेंगे।
सिनेमा के क्षेत्र में कदम रखने से पहले कॉरपोरेट जगत में काम कर चुके 33 वर्षीय नीरज ने कहा, "फिल्म का शीर्षक हिंदी में होगा। अभी मैंने कोई नाम तय नहीं किया है। उम्मीद है कि फिल्म की शूटिग इसी साल शुरू हो जाएगी।"
'फ्लाई अवे सोलो' की कहानी चार अलग-अलग जिंदगियों पर आधारित है, जिनमें से एक प्रेम में पड़ा पिछड़ी जाति का युवक है, एक अपराधबोध ग्रस्त बेटी है, एक लालची पिता है और परिवार के प्यार के लिए तरसता एक बच्चा है।
अभिनेता राजकुमार राव और ऋचा चड्ढा को फिल्म की दो मुख्य भूमिकाओं के लिए प्रस्ताव दिया गया है।