6 सितम्बर 2013
गुड़गांव|
मशहूर डिजाइनर निकी महाजन साढ़े आठ साल के बाद डिजाइनिंग में लौटीं हैं। महिलाओं के लिए कपड़े डिजाइन करने के लिए वह लखनऊ के लगभग 100 कारीगरों के साथ काम कर रही हैं।
दिल्ली की सीमा पर गुड़गांव स्थित निकी की फैक्टरी में कारीगरों की कड़ी मेहनत के बारे में पता चलता है। कुछ कारीगर रंगीन कपड़ों पर कढ़ाई करने में व्यस्त थे तो कुछ उन्हें संवारने में लगे थे।
महाजन ने आईएएनएस को बताया, "मैं हमेशा से चाहती थी कि मैं अपने कारीगरों को अपने कपड़ों के साथ रोजगार दूं और इस समय मैं वही कर रही हूं।"
14 सितंबर को होने वाले शो को यादगार बनाने के लिए काम बड़े जोर शोर से चल रहा था।
कपड़ों की नई श्रृंखला अवध की बेगम हजरत महल (1820-70) से प्रेरित है। पुराने जमाने की बदला कारीगरी, ब्लॉक प्रिंटिंग और मुकेश जैसी कारीगरी का प्रयोग किया जा रहा है।
फैशन जगत से दो दशकों से भी अधिक समय से जुड़ीं महाजन राजस्थान, कर्नाटक, गुजरात और बंगाल के कारीगरों के साथ काम कर चुकी हैं।
उन्होंने कहा, "ऐसे प्रतिभाशाली लोगों के साथ काम करना बहुत अच्छा लगा, उनके पास बताने के लिए बहुत सी चीजें हैं।"
महाजन की नई परिधान श्रृंखला उनके पिछले संग्रहों से अलग होगी।
उन्होंने कहा, "मैं ब्लॉक प्रिंटिंग पर ज्यादा काम कर रही हूं, मैंने यही बदलाव किया है। इस शो में परिधानों पर बहुत ज्यादा कढ़ाई होगी जैसा कि मैंने पहले कभी नहीं किया।"
उन्होंने कहा, "इस शो के लिए परिधानों में 200 से अधिक तरीकों की कढ़ाई का प्रयोग किया गया है। इसमें एक साथ पांच संग्रहों का प्रदर्शन होगा, हमने न सिर्फ पुरानी कढ़ाई का प्रयोग किया है बल्कि इन्हें और आधुनिक बनाया है।"
महाजन ने 1998 में अपने लेबल की शुरुआत की थी। वह पिछले छह साल से फैशन डिजाइन काउंसिल ऑफ इंडिया (एफडीआईसी) की निदेशक रही हैं।
यह पूछने पर कि वह इतने दिनों परिधानों की डिजाइनिंग से दूर क्यों थी? महाजन ने बताया, "25 साल पहले जब मैंने शुरुआत की थी तो मैं दुल्हन के परिधानों की डिजाइनिंग करती थी, इसके साथ ही मैं कारीगरी पर प्रयोग भी कर रही थी। मैंने अपने परिधानों को अंतर्राष्ट्रीय बाजार में भी पहुंचाया इसलिए मैं इससे थोड़ी दूर चली गई और अंतर्राष्ट्रीय खरीददारों के साथ काम करना शुरू किया।"