20 दिसंबर 2013
चेन्नई|
फिल्मकार पान नलिन का कहना है कि भारतीय दर्शक अच्छे वृत्तचित्रों के भूखे हैं और कई सारे फिल्मकार इस शैली के प्रति दिलचस्पी दिखा रहे हैं। लेकिन वृत्तचित्रों का निर्माण और उनको बढ़ावा देने की प्रवृत्ति देश से गायब है।
नलिन ने एक ईमेल साक्षात्कार में आईएएनएस को बताया, "भारतीय फिल्मकार वृत्तचित्र निर्माण के प्रति सचेत हो रहे हैं, लेकिन हमारे पास वृत्तचित्र निर्माण और उनको बढ़ावा देने के लिए नेटवर्क नहीं है। वृत्तचित्र निर्माण एक फलता-फूलता कारोबार है और विदेशों में कल्पित कथाओं वाली फिल्मों की अपेक्षा कहीं अधिक सफल है।"
गुजरात में जन्मे एवं 'समसारा', 'वैली ऑफ फ्लावर्स' सरीखी फिल्में बनाने वाले इस फिल्मकार ने कहा, "अमेरिका और यूरोप में वृत्तचित्र अक्सर बड़े स्तर पर प्रदर्शित होते हैं।"
फिलहाल वह अपने नवीनतम वृत्तचित्र 'फेथ कनेक्शंस' के प्रचार में व्यस्त हैं।
नलिन ने कहा, "मैं बहुत आशावादी हूं कि बदलाव होगा, क्योंकि मैं भारतीय दर्शकों की अच्छे वृत्तचित्रों के लिए बढ़ रही भूख देख सकता हूं।"
'फेथ कनेक्शन' का जन्म नलिन के पिता के अनुरोध पर हुई कुंभ यात्रा के दौरान हुआ। उस जगह वह आस्था की स्थिति का पता लगाने के लिए उत्सुक थे।
गुजरात के अमरेली जिले में पले-बड़े फिल्मकार ने कहा, "कुंभ मेले में फिल्म की शूटिंग करने में करीब 40 दिन लगे। हमारे पास 80 घंटों की दृश्य-श्रव्य फुटेज थी। हालांकि, वास्तविक फिल्म का निर्माण एडिटिंग के दौरान हुआ। यह सिर्फ घंटों या फुटेज के बारे में नहीं है, बल्कि सभी भावनाओं और सूचनाओं के प्रवाह के बारे में हैं।"
फिलहाल वह 'एंग्री इंडियन गोडेसेस' शीर्षक वाली द्विभाषिक फिल्म (हिंदी-इंग्लिश) पर काम कर रहे हैं। फिल्म आधुनिक भारतीय नारी के बारे में है।