10 दिसम्बर 2013
मुंबई|
फिल्म 'बुलेट राजा' और 'आर.. राजकुमार' के प्रदर्शित होने के साथ ही दोनों फिल्मों में तुलना भी साथ-साथ जारी है।
इन दोनों फिल्मों के निर्देशक तिग्मांशु धूलिया और प्रभुदेवा की नजरों में फिल्मों का आपस में तुलना किया जाना न सिर्फ घृणित है, बल्कि उनका मानना है कि इसका कोई औचित्य नहीं है।
तिग्मांशु की अभिनेता सैफ अली खान अभिनीत 'बुलेट राजा' 29 नवंबर को सिनेमाघरों में आई, जबकि प्रभुदेवा के निर्देशन में बनी अभिनेता शाहिद कपूर अभिनीत 'आर.. राजकुमार' छह दिसंबर को प्रदर्शित हुई। दोनों ही फिल्में बॉक्स ऑफिस पर कुछ खास कमाल नहीं कर पाईं।
दोनों फिल्मों की तुलना के पीछे वजह इनकी अपराध नाट्य पृष्ठभूमि, रोमांस, मुख्य पात्र का गुंडई वाला चरित्र और छोटे शहर की पृष्ठभूमि और दोनों फिल्मों में एक ही नायिका (सोनाक्षी सिन्हा) का होना माना जा सकता है।
प्रभुदेवा ने कहा, "मैं तिग्मांशु धूलिया और उनके काम का बहुत सम्मान करता हूं। वह बेहद बुद्धिमान निर्देशक हैं। मुझे उनकी और अपनी फिल्म की तुलना की कोई वजह समझ में नहीं आती। दोनों फिल्मों में सिर्फ एक बात समान है कि सोनाक्षी सिन्हा दोनों फिल्मों की नायिका हैं। हम दोनों अलग-अलग फिल्मकार हैं और मुझे यकीन है कि हमने दो अलग तरह की फिल्में बनाई है। उनकी फिल्म की अपनी ऊर्जा है और मेरी फिल्म की अपनी।"
धूलिया ने कहा, "मुझे नहीं लगता कि मैं प्रभुदेवा की तरह फिल्म बना सकता हूं। उनकी फिल्मों में एक उच्च स्तरीय ऊर्जा देखने को मिलती है। बहुतों ने उनकी नकल करने की कोशिश जरूर की है। लेकिन यदि मैं ऐसी कोशिश करूं तो मैं बेवकूफी होगी।"