पूर्णिमा यानि कि पूर्ण दिन, अर्थात् जिस दिन चंद्रमा आकाश में पूरा दिखाई देता है वह पूर्णिमा का दिन होता है। जबकि जिस दिन चांद आधा दिखाई देता है वह अमावस्या होती है। हिंदू धर्म में पूर्णिमा को बहुत महत्वणूर्ण दिन माना जाता है। पूर्णिमा को काफी शुभ दिन माना गया है। ये दिन व्रत रखने के बेहद लाभकारी साबित होता है। धार्मिक और ज्योतिषीय रूप से भी पूर्णिमा की तिथि बहुत महत्वपूर्ण मानी गई है। पूर्णिमा के दिन चंद्र ग्रहण लगता है।
पंचांग के अनुसार हर महीने में 30 दिन होते हैं जिनमें से 15 दिन शुक्ल पक्ष और 15 दिन कृष्ण पक्ष के होते हैं। शुक्ल पक्ष की अंतिम तिथि को पूर्णिमा कहते हैं। जबकि कृष्ण पक्ष की अंतिम तिथि अमावस्या कहलाती है। आज हम आपको बताएंगे कि 2019 में कब-कब पूर्णिमा पड़ रही है और इसका क्या महत्व और धार्मिक व ज्योतिष मान्यता है।
दिनांक | दिन | पूर्णिमा |
21 जनवरी, 2019 | सोमवार | पौष पूर्णिमा |
19 फरवरी, 2019 | मंगलवार | माघ पूर्णिमा |
20 मार्च, 2019 | बुधवार | फाल्गुन पूर्णिमा |
19 अप्रैल, 2019 | शुक्रवार | चैत्र पूर्णिमा |
18 मई, 2019 | शनिवार | वैशाख पूर्णिमा |
17 जून, 2019 | सोमवार | ज्येष्ठ पूर्णिमा |
16 जुलाई, 2019 | मंगलवार | आषाढ़ पूर्णिमा |
15 अगस्त, 2019 | गुरुवार | श्रावण पूर्णिमा |
13 सितंबर, 2019 | शुक्रवार | भाद्रपद पूर्णिमा |
13 अक्टूबर, 2019 | रविवार | अश्विन पूर्णिमा |
12 नवंबर | मंगलवार | कार्तिक पूर्णिमा |
12 दिसंबर | गुरुवार | मार्गशीर्ष पूर्णिमा |
हिंदू और स्नातन धर्म को मानने वाले लोगों में पूर्णिमा एक बहुत ही महत्वपूर्ण और पवित्र दिन होता है। पूर्णिमा की तिथि महीने में एक बार ही आती है। महीने में पड़ने वाले वाले शुभ दिन और त्यौहार पूर्णिमा के दिन ही आते हैं। इस दिन पूर्णिमा व्रत रखने और पंडित को भोजन कराने की मान्यता है। हिन्दू धर्म के रक्षा बंधन और होली जैसे बड़े पर्व भी पूर्णिमा के दिन ही पड़ते हैं। कहते हैं कि पूर्णिमा के दिन श्री सत्यनारायण भगवान की पूजा और कथा का भी खास महत्व होता है। हिंदू धर्म में ऐसी मान्यता है की भगवान ने पूर्णिमा के दिन ही इस धरती पर मानव अवतार धारण किया था। चाहे बच्चों का मुंडन संस्कार हो या कोई और संस्कार हो पूर्णिमा के दिन मुहूर्त संस्कार करना बेहद शुभ माना गया है।
पूर्णिमा तिथि | जयंती |
चैत्र पूर्णिमा | हनुमान जयंती |
वैशाख पूर्णिमा | बुद्ध जयंती |
आषाढ़ पूर्णिमा | कबीर जयंती |
कार्तिक पूर्णिमा | गुरुनानक जयंती |
मार्गशीर्ष पूर्णिमा | श्री दत्तात्रेय जयंती |
पौष पूर्णिमा | शाकंभरी जयंती |
पूर्णिमा तिथि | व्रत एवं पर्व |
ज्येष्ठ पूर्णिमा | वट सावित्रि |
आषाढ़ पूर्णिमा | गुरु पूर्णिमा |
श्रावण पूर्णिमा | रक्षा बंधन |
भाद्रपद पूर्णिमा | उमा माहेवश्वर व्रत |
अश्विन पूर्णिमा | शरद पूर्णिमा |
कार्तिक पूर्णिमा | पुष्कर मेला |
फाल्गुन पूर्णिमा | होली |
हिन्दू धर्म में पूर्णिमा वाले दिन चंद्रमा की पूजा करने की मान्यता है। कहते हैं कि इस दिन चंद्रमा में भगवान इंद्र का रूप होता है। पौराणिक कथाओं और शास्त्रों में इसे मन का देव कहा गया है। पूर्णिमा के दिन चंद्रमा अपने पूर्ण रूप में दिखाई देता है। चुकीं भगवान इंद्र शिवजी के रूप कहलाते हैं, इसलिए ही पूर्णिमा वाले दिन भगवान शिव जी की पूजा करने को कहा जाता है। इस दिन लोग ईश्वर का ध्यान करते हैं और चंद्र देव और भगवान शिव का आशीर्वाद पाने के लिए उपवास रखते हैं। चैत्र मास में आने वाली पूर्णिमा को हनुमान जयंती का पर्व बड़ी धूमधाम से मनाया जाता है। वैशाख पूर्णिमा के दिन भगवान बुद्ध की जयंती मनायी जाती है। हिंदू धर्म में ऐसी मान्यता है कि इस दिन व्रत रखने से घर में सुख समृद्धि आती है, धनवर्षा होती है और संतान भी सुखी रहती है और उनके कष्ट दूर होते हैं।
ज्योतिषों का मानना है कि पूर्णिमा बहुत शुभ दिन है। विधि विधान के साथ पूर्णिमा व्रत रखने से शारीरिक रोग के साथ मानसिक रोग भी दूर होता हैं। पूर्णिमा के दिन ग्रहों और नक्षत्र की चाल बेहद अनुकूल होती है। ऐसे में इस दिन बिना मुहूर्त के शुभ काम किया जा सकता है। वैदिक ज्योतिष में चंद्र ग्रह को मन, मस्तिष्क, माता और द्रव्य पदाथों का कारक माना गया है, इसलिए पूर्णिमा के दिन “ॐ श्रां श्रीं श्रौं सः चंद्रमसे नमः!” मंत्र का जाप करने से घर में सुख शांति आती है और कष्ट दूर होते हैं। ज्योतिषों के साथ-साथ वैज्ञानिकों का भी मत है कि पूर्णिमा वाले दिन पानी में ज्वार-भाटा (लहरें) उत्पन्न होती हैं और महासागर या सागर के पानी में हलचल होती है। चुकीं मनुष्य के शरीर में भी 70 फीसदी पानी होता है। ऐसे में पूर्णिमा के दिन मनुष्य का शरीर भी प्रभावित होता है।
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