नई दिल्ली, 22 अगस्त
उत्तर प्रदेश की फिरोजाबाद लोकसभा सीट पर होने वाले उप चुनाव के लिए कांग्रस ने अभिनेता राज बब्बर को उम्मीदवार बनाया है। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता ऑस्कर फर्नाडीस की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी ने बब्बर के नाम को हरी झंडी दे दी है।
लेकिन, राजबब्बर ने फिरोजाबाद सीट पर खड़े होकर कहीं अपना राजनीतिक करियर तो दांव पर नहीं लगा दिया है? ये सवाल इसलिए अहम है क्योंकि राजबब्बर ने अपना राजनीतिक करियर समाजवादी पार्टी से शुरु किया, और पूरा वक्त वहीं गुजारा। पिछले साल समाजवादी पार्टी महासचिव अमर सिंह से मतभेद के बाद राजबब्बर ने कांग्रेस का दामन तो थाम लिया, लेकिन कांग्रेस में उनकी कोई पैठ नहीं रही।
फिर,पिछले लोकसभा चुनाव में फतेहपुर सीकरी से वो कांग्रेस के टिकट पर चुनाव हार चुके हैं। बीएसपी की सीमा उपाध्याय ने उन्हें दस हजार वोटों से हराया था। हालांकि, आगरा संसदीय सीट को लेकर राजबब्बर में बहुत भरोसा है,लेकिन वो सीट अब सुरक्षित घोषित हो चुकी है।
दरअसल,उनके करियर का सवाल इसलिए क्योंकि फिरोजाबाद से हार क्या वो बर्दाश्त कर पाएंगे। लगातार दो बार लोकसभा चुनावों में हार,खासकर अपने घर में हार, उनका करियर चौपट तो नहीं कर देगी? गौरतलब है कि राजबब्बर टूंडला के रहने वाले हैं, और ये कस्बा फिरोजाबाद जिले में ही आता है। इसके अलावा, राजबब्बर की हार उनके सितारा होने की खासियत को भी खत्म कर देगी। फिरोजाबाद लोकसभा सीट यादव बहुल है, और इसी सीट से अखिलेश यादव जीत चुके हैं। लेकिन, अखिलेश के कन्नौज सीट को प्राथमिकता देने के बाद फिरोजाबाद सीट खाली हो गई, जिस पर अब उपचुनाव हो रहा है।
हालांकि,इस चुनाव में हार के बाद राजबब्बर के राजनीतिक करियर को लेकर अटकलें लगाई जा रही हैं,लेकिन सूत्रों के मुताबिक राजबब्बर अब राजनीति की गोटियां समझ चुके हैं,इसलिए उन्होंने कांग्रेस के आलानेताओं से समझौता कर लिया है।
सूत्रों का कहना है कि अगर राजबब्बर फिरोजाबाद से नहीं जीतते तो कांग्रेस उन्हें राज्यसभा में भेज सकती है,क्योंकि काफी दिनों तक सोच-विचारकर हुए इस फैसले से पहले राजबब्बर ने यही शर्त रखी थी। बब्बर को मालूम है कि यादव बहुल फिरोजाबाद में उन्होंने कोई काम नहीं किया है, और सिर्फ सितारा इमेज के बूते जीतना आसान नहीं है। हालांकि, वो दूसरे उम्मीदवारों को टक्कर दे सकते हैं,इसमें संदेह नहीं है।
वैसे,राजबब्बर को करीब से जानने वाले लोगों का यह भी कहना है कि लगातार फिल्मी दुनिया से दूर हुए राजबब्बर को अब राजनीतिक पद के बिना चैन नहीं आ रहा है,इसलिए वो या तो उपचुनाव जीतकर लोकसभा में पहुंचना चाहते हैं,या फिर राज्यसभा। लेकिन, वो हर हाल में संसद सदस्य बनना चाहते हैं।
फिर भी, राजबब्बर के लिए यह बड़ा दांव है,क्योंकि लड़ाई उनके अपने घर में है,और वो हमेशा से वहां एक स्टार एक्टर के रुप में पहचाने गए हैं। दूसरी तरफ,समाजवादी पार्टी राजबब्बर को हराने के लिए पूरा जोर लगाएगी क्योंकि उसी से बैर लेकर वो अगला मुकाम पाने की कोशिश कर रहे हैं।
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