2 अप्रैल 2014
मुंबई|
अभिनेता-फिल्म निर्माता रितेश देशमुख की प्रोडक्शन कंपनी की आगामी मराठी फिल्म 'येलो' विशेष आवश्यकता वाले बच्चों के बारे में है। उनका कहना है कि फिल्म का अनूठा विषय हिंदी की बजाय मराठी दर्शकों के बीच ज्यादा स्वीकार्य है। रितेश ने यहां एक साक्षात्कार में कहा, "मैंने ऐसे विषय पर कोई फिल्म नहीं देखी थी। मुझे महसूस हुआ कि मुझे फिल्म जरूर बनानी चाहिए, इसलिए हमने इसे मराठी में बनाया।"
उन्होंने कहा, "ऐसी फिल्में हिंदी के बजाय मराठी में बनाना ज्यादा आसान है क्योंकि हिंदी की अपेक्षा मराठी दर्शक ऐसे अनूठे विषय ज्यादा अपनाते हैं।"
'बालक पालक' के निर्माण के बाद 'येलो' रितेश की दूसरी मराठी फिल्म है।
उन्होंने कहा, "मेरे ख्याल से हम 'येलो' के विषय का औचित्य मराठी में ज्यादा बेहतर तरीके से साबित करने में सक्षम हैं।"
महेश लिमये द्वारा निर्देशित 'येलो' में उपेंद्र लिमये, ऐश्वर्य नारकर, उषा नाडकर्णी और मृणाल कुलकर्णी भी हैं।