6 मार्च 2014
बांदा|
बुंदेलखंड के गैर पंजीकृत ताकतवर महिला संगठन 'गुलाबी गैंग' की नई कमांडर सुमन सिंह चौहान ने गुरुवार को अपनी पूर्व कमांडर संपतपाल पर अदालत को गुमराह कर फिल्म 'गुलाब गैंग' के प्रदर्शन में रोक लगाने की याचिका दायर करने का आरोप लगाया है। उन्होंने कहा "गैंग की महिलाओं ने संपत को रविवार को ही पद से बर्खास्त कर दिया था, लिहाजा कमांडर की हैसियत से दिल्ली उच्च न्यायालय में बुधवार को याचिका नहीं दायर की जानी चाहिए।"
महिला संगठन 'गुलाबी गैंग' की नई कमांडर सुमन सिंह चौहान ने गुरुवार को अपनी पूर्व कमांडर संपतपाल पर फिल्म 'गुलाब गैंग' के प्रदर्शन पर रोक लगाने वाली याचिका पर ही सवाल उठा दिए हैं। उन्होंने कहा "दिल्ली उच्च न्यायालय में दाखिल याचिका में संपत ने अपने को कमांडर बताकर अपनी छवि खराब किए जाने का आरोप लगाया है, जो समझ से परे है।"
बकौल सुमन चौहान, "रविवार (2 मार्च) को बांदा के अतर्रा कस्बे में गुलाबी गैंग की आमसभा की खुली बैठक में 963 महिलाएं शामिल हुई थीं और संपत पर तानाशाही व भ्रष्टाचार के आरोप लगा कर सर्वसम्मति से उन्हें पद और गैंग की प्राथमिक सदस्यता से बर्खास्त कर दिया था।"
उन्होंने कहा कि संपत बर्खास्तगी के बाद भी खुद को कमांडर बताते हुए फिल्म 'गुलाब गैंग' के प्रदर्शन में रोक लगाने वाली याचिका दाखिल कर दिल्ली उच्च न्यायालय को गुमराह किया है।
सुमन ने खुलासा किया कि संपत पिछले कई महीनों से फिल्म निमार्ताओं से लगातार संपर्क करने का प्रयास कर एक करोड़ रुपये की मांग करती रही हैं, लेकिन फिल्म निमार्ताओं ने उन्हें घास नहीं डाली तो उन्होंने गुमराह करने वाली याचिका दाखिल कर दी।
एक सवाल के जवाब में सुमन कहती हैं कि 'गुलाब गैंग' संपत के जीवन पर नहीं, बल्कि बुंदेलखंड़ की महिलाओं पर आधारित फिल्म है, जिसे फिल्म निर्माता नकार नहीं सकते।
उधर, अपने को राष्ट्रीय संयोजक बता रहे जयप्रकाश शिवहरे उर्फ बाबू जी ने कहा कि 'गुलाबी गैंग' की आमसभा की खुली बैठक में गैंग की महिलाओं ने संपतपाल पर तानाशाही व शोषण करने के खुला आरोप लगाए थे, जिनको गंभीरता से लेते हुए आमसभा ने उन्हें पद से बर्खास्त कर दिया गया था। अब संपत गैंग की कमांडर नहीं रहीं और उन्हें अदालत को गुमराह नहीं करना चाहिए।
जयप्रकाश कहते हैं कि 'आगामी 23 मार्च को बांदा में पुन: आमसभा बुलाई गई है, इस बैठक के बाद संगठन अदालत में याचिका दाखिल कर संपत की याचिका खारिज करने की मांग करेगा।
हालांकि संपतपाल का कहना है कि 'गुलाबी गैंग' में संयोजक जैसा कोई पद नहीं है और एक साजिश के तहत बाबू जी ने उनकी कथित बर्खास्तगी करवाई है। उन्होंने कहा कि वह गुलाबी गैंग की एकलौती कमांडर है, आमसभा को उन्हें बर्खास्त करने का कोई अधिकार नहीं है।
गौरतलब है कि गुलाबी गैंग एक गैर पंजीकृत संगठन है, जिसके अब तक कोई नियम-कानून नहीं बने हैं और बिना पंजीयन के ही यह संगठन पिछले सात साल से बुंदेली महिलाओं के अधिकारों की लड़ाई लड़ रहा है।