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सनी की सनसनी in जिस्म 2

sunny leone sensational in jism 2

31 जुलाई 2012

बर्थ टाइम रेक्टीफ़िकेशन अर्थात जन्म समय शोधन करने के पश्चात आजकल चर्चा का विषय बनी "सनी लिओन" की सिंह लग्न की जन्म कुण्डली सामने आ रही है। चंद्रमा शनि और बृहस्पति दूसरे भाव में स्थित हैं। ध्यान देने वाली बात ये है कि शनि और बृहस्पति दोनो ही वक्री हैं। केतू छठवें भाव में मकर राशि में स्थित है जबकि सूर्य और मंगल भाग्य स्थान में स्थित हैं। यहां सूर्य उच्च का है जबकि मंगल स्वराशि का है। बुध और स्वगृही शुक्र दशम भाव में हैं और राहू कुण्डली के बारहवें भाव में कर्क राशि में है।


आइए सबसे पहले इनके सकारात्मक पहलुओं पर चर्चा कर ली जाय। क्योंकि इन्होंने ख्याति तो खूब अर्जित की है। ये बात अलग है कि इनकी ख्याति के मामले में हमें सुविख्यात और कुख्यात में अंतर समझना होगा। एक बात यहां स्पष्ट कर दें कि कुख्यात का मतलब सिर्फ भयभीत करने वाली या डरावनी ख्याति से नहीं है बल्कि एक ऐसी प्रसिद्धि से हैं जो समाजिक दृष्टिकोण से प्रसंसनीय न हो। तो हम बात कर रहे हैं "सनी लिओन" की कुण्डली के सकारात्मक पहलुओं की। इनकी कुण्डली में वैसे तो कई अच्छे योग उपस्थित हैं, लेकिन हम यहां कुछ ही योगों पर चर्चा कर पाएंगे।


"सनी लिओन" की कुण्डली में मालव्य योग है जो पंचमहापुरुष राजयोगों में से एक राजयोग है। यह योग सुंदर आकर्षक नेत्र, सौदर्य युक्त शरीर, धनवती, वाहनादि से युक्त, उत्साह युक्त तथा परपुरुषरत बनाने वाला योग है। इनमें से अधिकाश बातें "सनी लिओन" पर लागू होती हैं। एक बात स्पष्ट करना जरूरी है कि ग्रंथों में परपुरुषरत के स्थान पर परस्त्रीरत पाया जाता है। क्योंकि पुराने जमाने में स्त्रियों के इस स्वरूप का दर्शन असंभव के समान था और स्त्री की मर्यादा के लिए जितने भी सामाजिक मर्यादा के विपरीत फल थे उन्हें पुरुषों के लिए कहा गया था, स्त्रियों के लिए नहीं। देश काल परिस्थिति के सूत्रानुसार स्त्रियां ऐसा आचरण करती भी नहीं थी। लेकिन "सनी लिओन" स्वच्छद विचारों की महिला हैं अत: उन पर परपुरुषरत होने का फल लागू होता है जो प्रत्यक्षत: दृष्टिगोचर भी हो रहा है।


दूसरा योग "गजकेशरी योग है। जो प्रसिद्धि दायक, राजप्रिय, अपने स्वभाव से औरों को जीतने वाला, प्रेम में समान रूप तथा चंचल मन का बनाता है। "सनी लिओन" जगत प्रसिद्ध है, वो राजप्रिय भी हैं तभी तो उन्हें कई देशों की नागरिकता प्राप्त है और उन्हें नागरिकता मिलने में समय भी नहीं लगता। वो अपने स्वभाव से और को जीतने का हुनर तो रखती ही हैं। सभी को समान रूप से प्रेम भी करती हैं। सभी लोग भी उन्हें समान दृष्टिकोण से प्रेम करते हैं चाहे वो कमाल खान हों या महेश भट्ट। उनके मन की चंचलता भी किसी से छिपी नहीं है।


इनकी कुण्डली में स्थित "लक्ष्मीयोग" इन्हें धनवान भी बना रही है। इनकी कुण्डली में "कलानिधि-योग" भी बन रहा है जो इन्हें कलाकार बना रहा है फलस्वरूप ये कला की जानकार है और अश्लील फ़िल्मों से कलाकारी दिखाते हुए अब हिन्दी सिनेमा की कलाकार हो चुकी हैं। इनकी कुण्डली में स्थित "अखण्ड सम्राज्य योग" जो कि बडा सम्राज्य या बहुत बडे दायरे में लोकप्रियता दिलाता है जाहिर सी बात है इनकी लोकप्रियता का दायरा बहुत बडा है। "केन्द्र त्रिकोण योग" जो सभी प्रकार के राजसी वैभव को देता। जो कि "सनी लिओन" को काफी हद तक प्राप्त है।


आइए अब इनकी कुण्डली में स्थित कुछ खराब योगों पर चर्चा कर ली जाय। इनकी कुण्डली में लग्न पापकर्तरी योग में है। यह योग राहू और शनि के सहयोग से निर्मित हो रहा है। इस योग के कारण शारीरिक कष्ट, शरीर का विकृत या घृणास्पद होना या शरीर से विकृत या घृणास्पद कार्य करना आदि का विचार किया जाता है। हो सकता है कि कुछ लोगों को "सनी लिओन" का कृत्य विकृत या घृणास्पद न लगता हो लेकिन इस मामले में भारतीय ज्योतिष का यही नज़रिया है। इसके अलावा कुण्डली में प्रत्यक्षत: कोई दुर्योग नहीं नजर आ रहा है। जो हैं भी तो वे कहीं न कहीं भंग भी हो रहे हैं। लेकिन यदि इनकी त्रिशांश कुण्डली देखें तो सब कुछ दूध का दूध और पानी का पानी हो जाता है।


वैदिक ज्योतिष में त्रिशांश कुण्डली से विशेषकर स्त्री चरित्र का विचार करने की परामर्श दी गई है। यदि "सनी लिओन" की त्रिशांश कुण्डली को देखा जाय तो प्रथम भाव में मिथुन राशि क उदय हो रहा है अर्थात त्रिशांशेश बुध है जिसे सर्वोत्तम व्यापारी माना जाता है। त्रिशांशेश बुध व्यापार-व्यवसाय के घर में स्थित होकर नीच का हो गया है। जो किसी नीचत्तव भरे व्यापार की ओर इशारा कर रहा है। एक बात स्पष्ट कर देना जरूरी है कि यह बात मैं वैदिक ज्योतिष के नजरिए से कहा रहा हूं, भट्ट साहब जैसे कला पारखी नजरिए से नहीं।


लग्नेश सूर्य जो लग्न कुण्डली में उच्च का है वही त्रिशांश कुण्डली में नीच का है। कर्म स्थान का स्वामी शुक्र त्रिशांश कुण्डली में नीच का है। लाभ और धन भाव का स्वामी त्रिशांश कुण्डली में नीच का है। बृहस्पति जो ज्ञान और पवित्रता का कारक है वह त्रिशांश कुण्डली में कामुकता कारक नीच के शुक्र और राहू, केतू और शनि के साथ बैठकर स्वयं अपवित्र हो गया है।


ज्योतिष में कहा गया है कि बुध और शुक्र की युति शरीर को सुंदरता देते हैं विशेषकर यह युति त्वचा को सुंदर बनाती है। लेकिन बुध व्यापारी है और शुक्र कामानंद अत: यह युति शुभ ग्रहों के पीडित होने की अवस्था में शरीर बेचने का काम करवाती है। जो माडलिंग या अभिनय जैसे काम भी हो सकते हैं क्योंकि इनमें भी शरीर की सुंदरता दिखाकर पैसे कमाए जाते हैं जो ज्योतिष में शरीर के व्यापार की श्रेणी में आता है। इन तमाम कारणो से इतने अच्छे राजयोगों का कारकत्त्व बदल गया। ये राजयोग "सनी लिओन" को विलासिता की ज़िंदगी तो दे रहे हैं लेकिन, उनके कर्म को पतित कर रहे हैं।


अब बात कर ली जाय इनकी फ़िल्म जिस्म-2 की। जिसकी ब्रांड एम्बेस्डर यही हैं। दिसम्बर 2009 से जुलाई 2012 तक ये राहू में बुध की दशा में थी। दशम भाव में बैठे बुध की दशा के कारण इन्हें मीडिया ने खूब कबरेज दी और ये तरक्की करते हुए, मशहूर होती गईं लेकिन जुलाई 2012  से जुलाई 2013 तक ये केतू की अंतरदशा में हैं जो इनकी लोकप्रियता में कमी ला रहा है। छ्ठे भाव में बैठे केतू के कारण अब ये विवादों में आ सकती है, किसी कानूनी पचडे में फंस सकती हैं अथवा बीमार हो सकती हैं। इनकी फ़िल्म को भी आशा के अनुरूप सफलता मिलती नहीं दिख रही है। जिस प्रकार बडे स्तर पर फ़िल्म का प्रमोशन किया जा रहा है, फ़िल्म को उतनी बडी सफलता मिलती नजर नहीं आ रही है। फ़िल्म प्रदर्शन के दौरान कुछ अप्रिय घटनाएं भी हो सकती हैं। फ़िल्म को पांच में से बमुश्किल दो अंक दिए जा सकते हैं।

 
पं. हनुमान मिश्रा
 
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