27 मार्च 2012
हैदराबाद | तेलंगाना राष्ट्र समिति (टीआरएस) के बंद का मंगलवार को आंध्र प्रदेश के तेलंगाना क्षेत्र में व्यापक प्रभाव देखा गया। टीआरएस ने पृथक तेलंगाना की मांग के प्रति केंद्र सरकार की असंवेदनशीलता के विरोध में बंद का आह्वान किया है। टीआरएस ने कहा है कि केंद्र की असंवेदनशीलता के कारण छात्र आत्महत्या करने पर मजबूर हुए हैं। हैदराबाद को छोड़ क्षेत्र के शेष नौ जिलों में बंद का व्यापक असर रहा। खम्माम में कुछ दुकानों पर हमले की घटनाओं को छोड़कर बंद लगभग शांतिपूर्ण रहा।
तेलंगाना क्षेत्र के अधिकांश हिस्सों में दुकानें, बैंक, पेट्रोल पम्प, कारोबारी संस्थान, सिनेमा हॉल और शैक्षणिक संस्थान बंद रहे।
दसवीं कक्षा की जारी परीक्षा को देखते हुए बंद से सड़क परिवहन को बाधित नहीं करने की टीआरएस की घोषणा के कारण सड़कों पर राज्य परिहवन निगम की बसें चल रही थीं। लेकिन प्रदर्शनकारियों ने निजी वाहनों की आवाजाही को रोक दिया।
राजधानी हैदराबाद में हालांकि बंद का मामूली असर रहा। शैक्षणिक संस्थानों को एहतियात के तौर पर बंद रखा गया, लेकिन दुकानें और अन्य कारोबारी संस्थान खुले रहे। सड़क पर भी यातायात सामान्य रहा।
पुलिस ने इस दौरान उस्मानिया विश्वविद्यालय में सुरक्षा कड़ी कर दी। यह विश्वविद्यालय अलग राज्य से सम्बंधित आंदोलन का एक मुख्य केंद्र रहा है। पुलिस ने विश्वविद्यालय परिसर से कुछ टीआरएस कार्यकर्ताओं को गिरफ्तार भी किया। बंद का असर वारंगल, करीमनगर और मेडक जिले में अधिक देखा गया।
वारंगल जिले में बंद का पूरा असर रहा। सोमवार को हनमकोंडा जिले में ऑटो रिक्शा चालक राजमौली के आत्मदाह के विरोध में पूरे जिले में ऑटो रिक्शा नहीं चले। शनिवार को एक एमबीए डिग्री धारक छात्र ने वारंगल शहर में आत्महत्या कर ली थी।
एक कामगार ने भी सोमवार को महबूबनगर जिले के वानपर्थी शहर में आत्मदाह की कोशिश की थी।
तेलंगाना संयुक्त कार्रवाई समिति, कांग्रेस के तेलंगाना क्षेत्र के नेता, तेलुगू देशम पार्टी, भारतीय जनता पार्टी, भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी, उस्मानिया युनिवर्सिटी ज्वाइंट एक्शन कमिटी तथा कुछ अन्य समूहों ने बंद का समर्थन किया है।
टीआरएस और भारतीय जनता पार्टी के कार्यकर्ताओं ने वारंगल, करीमनगर, मेडक, निजामबाद, अदीलाबाद और अन्य जिलों में मोटरसाइकिल रैलियां निकालीं। इस दौरान प्रदर्शनकारियों ने अलग राज्य के निर्माण के प्रति असंवेदनशीलता बरते जाने के खिलाफ केंद्र और राज्य सरकारों का पुतला जलाया
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