11 दिसम्बर 2011
नई दिल्ली| जाने-माने समाजसेवी अन्ना हजारे की प्रमुख सहयोगी किरण बेदी ने रविवार को संसद से अनुरोध किया कि वह लोकपाल विधेयक पर स्थायी समिति की सिफारिशों को नामंजूर कर दे और जनता की आवाज सुने। जंतर-मंतर पर अन्ना के एक दिवसीय सांकेतिक उपवास से पहले बेदी ने कहा, "मुझे उम्मीद है कि बुद्धिजीवियों की संसद स्थायी समिति की सिफारिशों को नामंजूर कर देगी और जनता की आवाज सुनेगी।"
उन्होंने कहा कि अन्ना ने 'नए लोकतंत्र' का उदाहरण पेश किया है, जिसमें जनता अपने प्रतिनिधियों से सीधे सवाल पूछ सकेगी।
पूर्व पुलिस अधिकारी ने कहा, "वे नए लोकतंत्र का नया चेहरा देखेंगे। मतदान करने वाले लोग पूछ रहे हैं कि आप मेरे लिए क्या कर रहे हैं? यह नए लोकतंत्र का चेहरा है, जो अन्ना हजारे ने हमें दिखाया है।"
उन्होंने कहा, "लोकपाल को केवल जांच इकाई बना दिया गया है.. इसे शक्तियां नहीं दी गई हैं। उन्होंने केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) से जांच की जिम्मेदारी लेकर इसे कमजोर तथा लोकपाल को असफल इकाई बना दिया है।"
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