Shilpi Ranjan
8 दिसंबर 2008, अंजलि गुप्ता को देश की प्रशासनिक और सामाजिक व्यवस्था ने कोर्ट मार्शल करते उसे बर्खास्त कर दिया था और 11 सितंबर 2011,जब अंजलि ने जिंदगी से खुद को टर्मिनेट कर दिया। तब और आज की अंजलि में बहुत फर्क है। इन 4 सालों में अंजलि का पूरा व्यक्तित्व बदल चुका है। कहां वो सम्मान के लिए लड़ने वाली, कभी न झुकने वाली, हक के लिए आवाज़ उठाने वाली अंजलि और कहां ये खामोश अंजलि जो अपने पीछे अपनी कितनी ही अनकही कहानी छोड़ गई। चुपचाप खामोश इस दुनिया से विदा हो गई। कैसे..
Joydeep Dasgupta
आन्दोलन और अनशन का रास्ता लोग तभी चुनते हैं जब शासन-प्रशासन का फैसला आम लोगों के लिए गले की हड्डी बन जाती है। हाल के दिनों में अन्ना हजारे देश के करीब सवा अरब लोगो की आवाज़ बने और उनके मुद्दों को उठाया। रास्ता था अनशन का। भूख हड़ताल का। लेकिन क्या हमें पता है कि हमारे अपने ही देश में दुनिया की सबसे लम्बे समय से भूख हरताल कर रही इरोम चानू शर्मीला के बारे में शायद ही देश के ज्यादा लोगों को ही पता है।
Punya Prasun Bajpai
अन्ना हजारे के आंदोलन से डरी सरकार अब बाबूगीरी के जरीये अन्ना की टीम की कमर तोड़ने की तैयारी में जुट गयी है। सरकार को यह डर है कि एक वक्त के बाद अन्ना हजारे ने अगर दुबारा दिल्ली का रास्ता पकड़ा तो इस बार सरकार को कोई बचा नहीं पायेगा क्योंकि विपक्ष जनता के मूड के साथ खड़ा होगा, इससे इंकार नहीं किया जा सकता। असल में अन्ना टीम को तीन रास्तों से घेरने की तैयारी हो रही है।
Alok Kumar
संसद में प्रस्ताव पर बहस की शुरूआत के साथ ही वरूण गांधी ने पटर पटर कर रहे केंद्रीय मंत्री आनंद शर्मा को आडे हाथों लिया । कार्यवाही का संचालन कर रहीं सुमित्रा महाजन से मुखातिब होने के बजाय सीधे शर्मा जी को नाम से पुकारते हुए फटकार लगा दी । वरूण गांधी के आदेश से आनंद शर्मा तो क्या ट्रेजरी बेंच के तमाम कांग्रेसी दिग्गजों की घिग्गी बंध गई ।
Nirmal Rani
वैसे तो देशहित या समाज कल्याण से जुड़े आंदोलनों या इनसे संबंधित मुद्दों को सांप्रदायिकता अथवा धर्म-जाति के रंगों में नहीं रंगा जा सकता। परंतु जब कभी इस प्रकार के ज्वलंत मुद्दे पर देश की कोई जि़म्मेदार प्रसिद्धि प्राप्त धार्मिक शख्िसयत अपने विवादित वक्तव्यों के साथ स्वयंभू रूप से कूद पड़े तो फिर इसे लेकर बहस छिडऩा तो आवश्यक ही है।
RC Shukla
जब देश में कोई बड़ी घटना या दुर्घटना होती है तो पत्रकार होने की वजह से इलेक्ट्रानिक मीडिया की भाषा में मैं उसे क्लोज फ्रेम में देखता हूं..मतलब एकदम नजदीक से..कहा जाए तो खबरों को जीने का मौका मिलता है..हर पल ब्रेकिंग न्यूज की तलाश..प्रतिद्वंदी चैनेल से हर हाल में आगे रहने की कोशिश..ओबी प्लेसमेंट से लेकर रिपोर्टर्स की मूवमेंट तक.. जिंदगी की रफ्तार बढ़ जाती है..और स्पीड कुछ इस कदर होती है कि ज्यादा सोचने समझने का वक्त ही नहीं मिलता है
Nirmal Rani
स्वतंत्रता दिवस अर्थात् 15 अगस्त का दिन पूरे भारतवासियों के लिए अत्यंत खुशी व स्वाभिमान का दिन माना जाता है। परंतु इस वर्ष का स्वतंत्रता दिवस जहां देशवासियों को स्वतंत्रता की याद दिला रहा था वहीं इस वर्ष का यह दिन भ्रष्टाचार के प्रबल विरोध की ज़ोरदार यादें भी अपने पीछे छोड़ गया।
Vishnu Sharma
रिटर्न ऑफ सुपरमैन-स्पाइडरमैन से लेकर ‘रिटर्न ऑफ ज्वैलथीफ’ तक देख-पढ़ चुके थे बाबा। कुछ समझ नहीं आ रहा था, गजब के कन्फ्यूज्ड थे। तभी चेले ने एक कॉमिक्स लाकर दी, चाचा चौधरी की। बचपन में बाबा की फेवरेट। ‘चाचा चौधरी और राका की वापसी’। ‘वापसी’ शब्द पर बाबा की आखें ठिठक गईं, जम गईं, लगे हाथ एक ही सांस में पूरी कॉमिक्स पढ़ डाली। फिर सोचा, साला राका भी लगता है कोई ना कोई तो योगा जानता होगा। बाबा के दिमाग में फौरन एक नए योगा का आइडिया आया ‘वापसी योगा’। बरबस ही तमाम परेशानियों के बीच भी क्षण भर के लिए मुस्करा उठे बाबा, मानो तीन साल से सेलरी बढ़ने का वेट कर रहे लोगों को किसी ने अप्रैल फूल में सेलरी बढ़ने की खबर सुना दी हो.. काल्पनिक खुशी। पर इंसान को सबसे ज्यादा सहारा इसी का मिलता है जिंदगी में।
Shilpi Ranjan
लीजिए अब सबकुछ खुल्म खुल्ला ही बोल दिया गया। न कोई बीप लगाई गई और न ही डायलॉग चबाई गई। और तो और डबल मीनिंग का कोई लफड़ा भी नहीं...सब कुछ सिंगल मीनिंग। आमीर खान की डेल्ही बेली देखी। वाहवाही की मलाई खान साहब ले रहें हैं, लेकिन इस फिल्म में गालियों के फिल्मी संस्करण का पूरा श्रेय लेखक और सहनिर्देशक अक्षत वर्मा को ही जाता है, जिन्होंने पूरी फिल्म में हिन्दी में दी जाने वाली गालियों का रायता फैला दिया।
Nirmal Rani
भारतीय रेल नेटवर्क को विश्व का सबसे बड़ा रेल नेटवर्क कहा जाता है। प्रतिदिन लगभग सवा करोड़ यात्रियों को उनके गंतव्य तक सुरक्षित पहुंचाने की जि़म्मेदारी निभाने वाली रेल कभी-कभी असुरक्षा व संदेह की नज़रों से भी देखी जाने लगती है।
Know when the festival of colors, Holi, is being observed in 2020 and read its mythological significance. Find out Holi puja muhurat and rituals to follow.
मकर संक्रांति 2020 में 15 जनवरी को पूरे भारत वर्ष में मनाया जाएगा। जानें इस त्योहार का धार्मिक महत्व, मान्यताएं और इसे मनाने का तरीका।