जय कन्हैया लाल की : जन्माष्टमी पर विशेष
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श्रीमद्भाग्वत के चौथे अध्याय का सातवां और आठवां श्लोक लाखों भारतीयों की जुबान पर रहता है। इस श्लोक में भगवान श्री कृष्ण ने अपने मुखार्विन्द से कहा है कि हे भरतवंशी अर्जुन, जब जब धर्म की हानि और अधर्म की वृद्धि होती है तब तब मैं अपने साकार रूप से लोगों के सम्मुख प्रगट होता हूं।
vishva arya nigam
भारतीय क्रिकेट टीम के सितारे इन दिनों गर्दिश में हैं। टीम इंग्लैण्ड के विरुद्ध खेली जा रही टेस्ट सिरीज़ में पहले ही दो मैंच गवां चुकी है, पर क्या टीम इंडिया अब वन- डे में अपनी बादशाहत कायम रख पायेगी, यह एक बड़ा सवाल है। 10 अगस्त से तीसरा टेस्ट मैंच शुरू हो रहा है और 3 सितम्बर से वन-डे सिरीज़ का बिगुल बज जाएगा। लेकिन लगातार हार के बाद टीम का मनोबल काफी टूटा हुआ है। इसके अलावा टीम के कई स्टार खिलाड़ी चोट से जूझ रहे है। ऐसे में क्या टीम इंडिया का बाकि के टेस्ट मैंच और वन- डे में प्रदर्शन बेहतर होगा? इस सवाल का जवाब अंकशास्त्र के माध्यम से जानने की कोशिश करते हैं।
शुभ फलदायक है मंगलागौरी व्रत
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Anirudh Sharma
अनिरुद्ध शर्मा श्रावणमास में जितने भी मंगलवार पड़े उन सभी को मंगलागौरी-व्रत एवं मंगलागौरी-पूजन करने को कहा गया है। इस व्रत में मंगलवार के दिन शिव की पत्नी गौरी अर्थात् पार्वती की पूजा की जाती है। इसी कारण इसे मंगलागौरी-व्रत कहते हैं। यह व्रत विवाह पश्चात् प्रत्येक विवाहिता द्वारा पाँच वर्षों तक करना शुभफलदायक माना गया है। इस व्रत को विवाह के प्रथम श्रावण में पिता के घर (पीहर) में तथा शेष चार वर्ष पति के घर (ससुराल) में करने का विधान है।
श्रावण मास के सोमवार का महत्व
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Anirudh Sharma
अनिरुद्ध शर्मा श्रावण मास कहो या सावन का महीना कोई भी शब्द कानों में पड़ते ही शीतलता स्वत: ही प्राप्त हो जाती है। ज्येष्ठ और आषाढ़ की भीषण गर्मी और तपिश से मुक्ति दिलाने हेतु श्रावण मास का आगमन होता है। श्रावण मास की प्रतीक्षा मनुष्य, पशु-पक्षी व प्रकृति ही नहीं करते अपितु देव और किन्नरों को भी इसका इंतजार रहता है।
मंदिर में खुले आसमान के नीचे विराजते हैं भोलेनाथ
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भक्त अपने भगवान को हर विधि से प्रसन्न करने का प्रयास करते हैं और वे यह कभी नहीं चाहेंगे कि उनके भगवान जिस मंदिर में विराजमान हों उस मंदिर की छत न हो। लेकिन भगवान की इच्छा ही जब खुले आसमान के नीचे रहने की हो तो भक्त बेबस हो जाते हैं। ऐसा ही एक मंदिर है रामराज के सैफपुर फिरोजपुर में स्थित सिद्धपीठ शिव भगवान का मंदिर।
श्रीमती प्रतिभा पाटिल-ज्योतिषीय विश्लेषण
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भारतीय संसद की 12वी तथा प्रथम महिला राष्ट्रपति श्रीमती प्रतिभा पाटिल का जन्म महाराष्ट्र के जलगांव जिले के नदगांव मे 19 दिसम्बर 1934 में हुआ था। इनकी प्रारंभिक शिक्षा जलगांव के आर.आर. विद्यालय में हुई थी, बाद में आपने जलगांव कालेज से इकॉनोमिक्स एवं राजनीति विज्ञान में स्नातकोत्तर उपाधि हासिल की। भारतीय लोकतन्त्र के सर्वोच्च पद पर पहुंचने का गौरव आपको हासिल हुआ। आज हम इनकी कुन्डली का सम्यक अध्ययन करके यह जानने की कोशिश करेंगे कि ज्योतिष में वह कौन-कौन से राजयोग हैं, जब कोई व्यक्ति अपने जीवन में पूर्ण राजयोग का फल भोगता है। भारत के सर्वोच्च सम्माननीय पद पर आसीन होने के लिये कौन से योग होते हैं।
शिव शंकर का प्रिय माह सावन
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Pt. Rajesh Kumar Sharma
पं0 राजेश कुमार शर्मा हिन्दू धर्म की पौराणिक मान्यता के अनुसार सावन महीने को देवों के देव महादेव भगवान शंकर का महीना माना जाता है। इस संबंध में पौराणिक कथा है कि जब सनत कुमारों ने महादेव से उन्हें सावन महीना प्रिय होने का कारण पूछा तो महादेव भगवान शिव ने बताया कि जब देवी सती ने अपने पिता दक्ष के घर में योगशक्ति से शरीर त्याग किया था, उससे पहले देवी सती ने महादेव को हर जन्म में पति के रूप में पाने का प्रण किया।
शिव और पार्वती का निवासस्थल : कैलाश मानसरोवर
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Anirudh Sharma
अनिरुद्ध शर्मा हमारे पौराणिक ग्रंथों के अनुसार ‘कैलाश’ को भगवान शंकर और मॉ पार्वती का निवासस्थल माना जाता है। भगवान शिव अपने समस्त गणों के साथ इसी आलौकिक स्थान पर रहकर तीनों लोक तथा चौदहों भुवन पर अपनी कृपादृष्टि रखते है। शिवपुराण के अनुसार कुबेर ने इसी स्थान पर कठिन तपस्या की थी, जिससे प्रसन्न हो भगवान शिव ने कैलाश को अपना निवास स्थान तथा कुबेर को सखा बनाने का वरदान दिया था। शास्त्रों के अनुसार इसी स्थान को पृथ्वी का स्वर्ग एवं कुबेर की अलकापुरी की संज्ञा भी दी गयी है। कैलाश पर्वत बर्फ से ढ़के शिवलिंग के रूप में आठ पहाड़ों से घिरा ऐसा प्रतीत होता है मानो अष्टदल कमल पुष्प हो। कैलाश पर्वत की समुद्रतल से ऊँचाई 22027 फीट तथा बाहरी परिक्रमापथ 62 किमी0 है।
गुरु के प्रति आभार प्रकट करने का पर्व: गुरु पूर्णिमा
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Anirudh Sharma
अनिरुद्ध शर्मा गुरुब्रह्मा गुरुर्विष्णुर्गुरुर्देवो महेश्वरः। गुरुः साक्षात्परं ब्रह्म तस्मै श्रीगुरुवे नमः।। गुरु ब्रह्मा हैं, गुरु विष्णु हैं और गुरु ही देवादिदेव महादेव हैं। गुरु साक्षात् परब्रह्म परमात्मा के समान हैं। अतः गुरु को मेरा सर्वदा शत्-शत् नमन है। आषाढ़ शुक्ल पूर्णिमा को गुरुपूर्णिमा के नाम से जाना जाता है। गुरुपूर्णिमा अर्थात् गुरु के प्रति आभार एवं कृतज्ञता प्रकट करने का दिन। अतः सभी शिष्य इस तिथि पर अपने-अपने गुरुओं का पूजन करते हैं। भारतीय संस्कृति की प्रतीक यह गुरुपूजा समस्त भारत में ही नहीं अपितु संसार भर में प्रसिद्ध है, जिसे व्यासपूजा के नाम से भी जाना जाता है। इस दिन सम्पूर्ण भारतवर्ष में गुरु पूजन एवं वन्दन होता है। शिष्यगण दूर-दूर से गुरु के धाम आकर श्रद्धापूर्वक भेंट अर्थात् गुरुदक्षिणा अर्पित करते हैं तथा आर्शीवाद प्राप्त करते हैं। सम्पूर्ण ब्रजक्षेत्र विशेषतः मथुरा, वृंदावन तथा गोवर्धन में यह गुरुपूजा बड़ी ही श्रद्धा, भक्ति, हर्ष एवं उल्हास के साथ मनायी जाती है। यह पूर्णिमा सबसे बड़ी पूर्णिमा मानी जाती है, क्यूंकि तीनों लोकों में ज्ञान को श्रेष्ठ तथा ज्ञानप्रदाता सद्गुरु को सर्वश्रेष्ठ माना गया है। इस पूर्णिमा पर सद्-आचार, सद्-विचार तथा सत्यव्रत का पालन करने से वर्ष की समस्त पूर्णिमाओं का फल प्राप्त होता है।
किस्मत के महाराज करते रहेंगे राज
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Punit Pandey
भारतीय क्रिकेट टीम के कप्तान महेन्द्र सिंह धौनी आज भारत में ही नहीं विश्व में जाना माना नाम है।
Know when the festival of colors, Holi, is being observed in 2020 and read its mythological significance. Find out Holi puja muhurat and rituals to follow.
मकर संक्रांति 2020 में 15 जनवरी को पूरे भारत वर्ष में मनाया जाएगा। जानें इस त्योहार का धार्मिक महत्व, मान्यताएं और इसे मनाने का तरीका।