पुनीत पांडे
किसी कुण्डली में क्या संभावनाएं हैं, यह ज्योतिष में योगों से देखा जाता है। भारतीय ज्योतिष में हजारों योगों का वर्णन है जो कि ग्रह, राशि और भावों इत्यादि के मिलने से बनते हैं। हम उन सारे योगों का वर्णन न करके, सिर्फ कुछ महत्वपूर्ण तथ्यों का वर्णन करेंगे जिससे हमें पता चलेगा कि जातक कितना सफल और समृद्ध होगा। सफतला, समृद्धि और खुशहाली को मैं 'संभावना' कहूंगा।
Kulbir Bains
ज्योतिष की इतनी सारी विधाएँ मौजूद हैं, तो किसी को लाल किताब के ज्योतिषी से संपर्क करने की क्या ज़रूरत है? ये सवाल अक्सर पूछा जाता है। आइए, पहले इस सवाल का जवाब जानने की कोशिश करें।
अंकुश खुंगर
बृहस्पति २ मई, २०१० को अपनी राशि परिवर्तित कर रहा है और यह कुम्भ से मीन राशि में प्रवेश करेगा।
Punit Pandey
यह जानना बहुत जरूरी है कि कोई ग्रह जातक को क्या फल देगा। कोई ग्रह कैसा फल देगा, वह उसकी कुण्डली में स्थिति, युति एवं दृष्टि आदि पर निर्भर करता है। जो ग्रह जितना ज्यादा शुभ होगा, अपने कारकत्व को और जिस भाव में वह स्थित है,
पुनीत पांडे
किसी भी अन्य विषय की तरह ज्योतिष की अपनी शब्दावली है। ज्योतिष के लेखों को, ज्योतिष की पुस्तकों को आदि समझने के लिए शब्दावली को जानना जरूरी है। सबसे पहले हम भाव से जुड़े हुए कुछ महत्वपूर्ण संज्ञाओं को जानते हैं -
पुनीत पांडे
पिछले अंक में हमनें राशि के स्वाभाव के बारे में जाना। हमने यह भी जाना कि कारकात्व एवं स्वभाव में क्या फर्क होता है। इस बार पहले हम ग्रहों के बारे में जानते हैं। नवग्रह के कारकत्व एवं स्वभाव इस प्रकार हैं
पुनीत पांडे
पिछले अंक में हमनें भाव कारकत्व के बारे में जाना। हमने यह भी जाना कि कारकात्व एवं स्वभाव में क्या फर्क होता है। इस बार पहले हम राशियों के बारे में जानते हैं। राशियों के स्वभाव इस प्रकार हैं-
पुनीत पांडे
ज्योतिष मैं फलकथन का आधार मुख्यतः ग्रहों, राशियों और भावों का स्वाभाव, कारकत्व एवं उनका आपसी संबध है।
पुनीत पांडे
इस सप्ताह हम जानेंगे की कुण्डली में ग्रह एवं राशि इत्यादि को कैसे दर्शाया जाता है। साथ ही लग्न एवं अन्य भावों के बारे में भी जानेंगे। कुण्डली को जन्म समय के ग्रहों की स्थिति की तस्वीर कहा जा सकता है। कुण्डली को देखकर यह पता लगाया जा सकता है कि जन्म समय में विभिन्न ग्रह आकाश में कहां स्थित थे। भारत में विभिन्न प्रान्तों में कुण्डली को चित्रित करने का अलग अलग तरीका है। मुख्यत: कुण्डली को उत्तर भारत, दक्षिण भारत या बंगाल में अलग अलग तरीके से दिखाया जाता है। हम सिर्फ उत्तर भारतीय तरीके की चर्चा करेंगे।
प.राजेश शर्मा
व्यक्ति जब अपनी यौन अवस्था में पहुंचता है तो परिवार के बड़े बुजुर्गों को उसके विवाह की चिन्ताएं सतानी प्रारम्भ कर देती हैं। विवाह के पश्चात पति-पत्नी के मध्य बहुत ही आत्म प्रेम सम्बन्ध बन जाते हैं। लेकिन किसी किसी के मध्य कुछ माह अथवा कुछ वर्षों के पश्चात ही मन मुटाव की वह सीमाऐं पहुंच जाती हैं कि दोनों में से कोई एक दूसरे को देखना तक पसन्द नहीं करता। कई बार स्थिति इतनी विकट हो जाती हैं कि तलाक ही हल लगता है।
Know when the festival of colors, Holi, is being observed in 2020 and read its mythological significance. Find out Holi puja muhurat and rituals to follow.
मकर संक्रांति 2020 में 15 जनवरी को पूरे भारत वर्ष में मनाया जाएगा। जानें इस त्योहार का धार्मिक महत्व, मान्यताएं और इसे मनाने का तरीका।